चुनाव आयोग का जवाब, कांग्रेस ने बढ़ा चढ़ाकर बताई फर्जी मतदाताओं की संख्या

प्रदेश में मतदाता सूची में लाखों की संख्या में फर्जी मतदाताओं के नाम होने का आरोप लगाकर भाजपा को कटघरे में खड़ी करने वाली कांग्रेस का यह दांव उलटा पड़ गया है। इस मामले में चुनाव आयोग द्वारा कराई गई जांच में शिकायत को गलत पाया गया है। अब चुनाव आयोग ने इस मामले में कांग्रेस को भेजे उत्तर में कहा है कि उनकी शिकायत सही नहीं पायी गई है। इस मामले में की गई शिकायत में आयोग ने कांग्रेस को जांच रिपोर्ट भेजकर साफ किया कि पार्टी ने फर्जी मतदाताओं की संख्या बढ़ा चढ़ाकर बताई। जनसंख्या वृद्धि की तुलना में ज्यादा मतदाता जुडऩे के आरोप को भी इसमें निराधार बताया गया है। मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी कार्यालय ने 34 जिले में मतदाता सूची की पड़ताल करने के बाद जो रिपोर्ट भेजी थी उसके आधार पर आयोग ने प्रमुख सचिव अनुज जयपुरियार ने कांगेे्रस को शिकायत के संबंध में जवाब भेज दिया है। गौरतलब है कि कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं ने मुख्य चुनाव आयुक्त जेपी रावत को ज्ञापन सौंपकर मतदाता सूची में फर्जी वोटरों के नाम होने के आरोप लगाए थे। कांग्रेस ने 60 लाख फर्जी मतदाता होने और प्रदेश में जनसंख्या की तुलना में वोटर वृद्धि को अधिक बताया था। इस पर आयोग ने कहा कि 2008 में 3 करोड़ 68 लाख 48 हजार 21 मतदाता थे जो 2013 में बढक़र 4 करोड़ 60 लाख 29 हजार 289 हो गए वहीं 2 जुलाई 2018 तक वोटरों की संख्या 4 करोड़ 97 लाख 97 हजार 657 है। पांच साल में करीब 37 लाख 68 हजार 368 मतदाता ही बढ़े हैं। यह आठ फीसदी की वृद्धि सामान्य है। मतदाता के फर्जीवाड़े की शिकायत सीमित मापदंडों (समान नाम, रिश्तेदारी और लिंग) के आधार पर थी। इसमें उम्र और फोटो को शामिल नहीं किया गया। सीमित मापदंड की वजह से बहुत सारे मतदाताओं के नाम एक जैसे दिखे। सरनेम (उपनाम) न होने की वजह से बड़ी मात्रा में दोहरी प्रविष्टि मिलीं। जब कांगे्रस की शिकायत वोटर का नाम, रिश्तेदार, लिंग और आयु के आधार पर जांचा गया तो 90 फीसदी दोहरी प्रविष्टि कम हो गई। फोटो मिसमैचिंग साफ्टवेयर का इस्तेमाल किया जो 2 लाख 37 हजार वोटरों की फोटो संदेहास्पद थी। जब सत्यापन किया गया तो 1 लाख 39 हजार फोटो सही पाई गई। 97687 फोटो बदल दी गई। एक जनवरी 2018 से 30 जून तक लगभग 1 करोड़ 20 लाख घरों का सर्वे किया गया। इस दौरान 6 लाख 27 हजार ऐसे योग्य वोटर पाए गए जिनके नाम सूची में नहीं हैं। लिहाजा आपने (कांग्रेस) ने जो शिकायत की थी वह सही नहीं है।
91 विधानसभा मेें सिर्फ 9664 दोहरी प्रविष्टि
कांग्रेस का दावा था कि 91 विस में 26 लाख 76 हजार 231 वोटरों की दोहरी प्रविष्टि वाले हैं। आयोग ने जांच के बाद कहा है कि सिर्फ 9 हजार 664 वोटरों के नाम दो जगह हैं। 101 विस मेें 26 लाख 74 हजार 345 वोटरों की दोहरी प्रविष्टि बताई थी जबकि जांच में महज 8 हजार 728 मामले ही सामने आए। इसमें सुधार की कार्यवाही शुरू कर दी गई है।