MP: आदिवासी नेताओं ने ठुकराया मुख्यमंत्री का ऑफर, ‘पहले मांग पूरी हो, फिर सोचेंगे’.

भोपाल। प्रदेश के आदिवासी बाहुल्य क्षेत्रों में अधिकार यात्रा निकाल रहे जय आदिवासी युवा शक्ति (जयस) के पदाधिकारियों ने मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की से भाजपा में शामिल होने का दिया गया ऑफर ठुकरा दिया है। जयस नेताओं ने कहा कि पहले मांग पूरी करो, सोचेंंगे कि भाजपा में शामिल होना है या नहीं। जयस नेताओं ने शुक्रवार शाम को सीएम हाउस पहुंचकर मुलाकात की। साथ ही उन्होंने आदिवासी क्षेत्र से जुड़ी समस्याओं का 25 सूत्रीय ज्ञापन सौंपा। जिस पर मुख्यमंत्री ने आश्वासन दिया है।

जयस नेता हीरालाल अलावा ने बताया कि मुख्यमंत्री के साथ मुलाकात सामान्य रहीं। ज्ञापन में उन्होंने मनावर, धामनौर में अल्ट्राट्रेक सीमेंट के लिए 32 गांवों का विस्थापन रोकने की मांग की, जिस पर मुख्यमंत्री ने आश्वासदन दिया है। करीब 20 मिनट तक चली चर्चा में मुख्यमंत्री ने जयज नेताओं से कहा कि वे आदिवासियों के बीच सरकार की योजनाओं का प्रचार करें। जिसके लिए जयस सहमत नहीं हुआ। जयस नेताओं ने मुख्यमंत्री से कहा कि उनके प्रतिनिधि प्रदेश की 70 सीटों पर विधानसभा चुनाव में उतरेंगे।

बूढ़े हो गए भाजपा के आदिवासी नेता

जयस ने मुख्यमंत्री ने कहा कि भाजपा में जो आदिवासी नेता हैं, वे बूढ़े हो गए हैं। उन्हें आदिवासियों की समस्याओं से ज्यादा सरोकार नहीं रहा है। जिस पर मुख्यमंत्री ने जयस के नेताओं से कहा कि वे भाजपा में शामिल हो जाएं। मुख्यमंत्री की ओर से भाजपा में शामिल होने का ऑ्रफर मिलने पर जयस ने कहा कि  वह आदिवासी सीटों पर अपने समर्थन से प्रत्याशी उतारेगा। जिन सीटों पर आदिवासी निर्णायक भूमिका में है, वहां भी जयस समर्थक चुनाव लड़ेंगे।

सरकार के सम्मान में शामिल नहीं होगा जयस

सरकार 9 अगस्त को आदिवासी सम्मान दिवस मनाने जा रही है। जिसके लिए आदिवासी क्षेत्रों में कार्यक्रम होंगे। मुख्यमंत्री ने जयस को इसमें आमंत्रित किया है, लेकिन जयस ने इससे इंकार कर दिया है। जयस नेता हीरालाला अवाला ने मुख्यमंत्री से कहा कि उनकी आदिवासी अधिकारी यात्रा निकल रही है, यह यात्रा जारी रहेगी।

यह भी मांग

25 सूत्रीय मांगों में जयज ने मांग की हैकि मनावर, कुक्षी में 32 गांवों का विस्थापन रोका जाए। आदिवासी क्षेत्रों में मेडिकल कॉलेज खोला जाए। कुक्षी को जिला बनाया जाए। आचार संहिता लागू होने से पहले बैकलॉग पदों पर भर्ती की जाए। 2009  से भर्ती जारी है, लेकिन जानबूझकर पूरी नहीं की जा रही है।

भाजपा में किसी भी कीमत पर शामिल नहीं होंगे। क्योंकि भाजपा धर्म-कर्म की राजनीति करती है। उनकी विचारधारा ही अलग है। वे आदिवासियों को उजाडऩे में लगे हैं। उद्योगपतियों के लिए आदिवासियों की जमीन छीनी जा रही है।

डॉ हीराराल अलावा

अध्यक्ष, जय आदिवासी युवा शक्ति