सत्ता हाथ से न निकल जाए, इसलिए बनाना पड़ा नया एक्शन प्लान

विधानसभा चुनाव नजदीक आते ही मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने सभी संसाधनों का इस्तेमाल शुरू कर दिया है। सीएम फैलोज से लेकर जनअभियान परिषद तक से फीडबैक लिया

Madhya Pradesh chief minister Shivraj Singh

जा रहा है, जिसके आधार पर शिवराज सिंह विधानसभा चुनावों के लिए नया एक्शन प्लान बना रही हैं…

मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की लगता है छठी इंद्री जाग गई है। शायद इसीलिए वे नहीं चाहते हैं कि जो हाल 2003 में दिग्विजय सरकार का हुआ, वो 2018 में इस सरकार का हो न जाए। शायद यही वजह है कि सीएम अब फंूक-फंूक कर कदम रख रहे हैं। इसी कड़ी में सीएम शिवराज सिंह जल्द अफसरों की बड़ी बैठक लेने जा रहे हैं, जिसमें सीएम फैलोज, जनअभियान परिषद, सोशल मीडिया टीम से फीडबैक लेकर आगामी चुनाव की रणनीति तय करेंगे। बैठक में सीएम फेलोज सरकार को लेकर जनता की राय और जमीनी हकीकत क्या है, सीएम को बताएंगे। वर्ष 2003 में हार के बाद दिग्विजय सिंह और कांग्रेस सरकार ने ये स्वीकार किया था कि उन्हें जमीनी हकीकत का सही फीडबैक नहीं मिला। लेकिन ये गलती इस सरकार में न हो इसे लिए सीएम शिवराज सिंह चौहान फूंक-फूंककर कदम रख रहे हैं। यही वजह है कि ठीक एक साल पहले मुख्यमंत्री शिवराज सिंह ने सीएम फेलोज बनाए थे। अब सीएम इन फैलो से सरकारी महत्वाकांक्षी योजनाओं की जमीनी हकीकत जानेंगे।
जमीनी हकीकत जानने सर्वे
राज्य सरकार के सूत्रों के मुताबिक पार्टी हो या फिर सरकार दोनों ही जमीनी हकीकत जानने के लिए सर्वे करवाती हैं। इसी के आधार पर आगामी चुनावों की रणनीति तैयार की जाती है। ऐसे में सीएम फैलोज से रिपोर्ट लेकर सरकार भी यही काम करेगी।
आगामी रणनीति तय होगी
सितंबर 2017 में सीएम फैलोज की नियुक्ति सरकारी योजनाओं की जमीनी हकीकत और उनकी मॉनीटरिंग के लिए की गई थी। अब एक साल पूरा होने के बाद सीएम रिपोर्ट लेंगे और उसी हिसाब से आगामी रणनीति तय की जाएगी। जनअभियान परिषद औऱ सोशल मीडिया टीम से भी फीडबैक लिया जाएगा।
क्या हैं सीएम फैलोज
1. चीफ मिनिस्टर यंग प्रोफशनल्स फॉर डेवलपमेंट प्रोग्राम के तहत एक साल के लिए सीएम फैलोज की नियुक्ति की गई थी।
2. सरकार ने प्रदेश के सभी जिलों में सीएम फैलोज के रुप में 51 रिसर्च एसोसिएट्स की नियुक्ति की थी। इनका साल भर का पैकेज औसतन साढ़े पांच लाख था।
3. सीएम फैलो आईआईटी, एनआईटी, लॉ ग्रेजुएट्स, टीआईएसएस जैसे बड़े संस्थानों से पास आउट और डेवलपमेंट के क्षेत्र में काम कर रहे युवाओं की एक टीम है। जो प्रदेश के जिलों में तैनात रहकर सीएम सचिवालय को डायरेक्ट फीडबैक दे रही है।
4. ये फैलोज सीएम की योजनाओं के साथ-साथ प्रधानमंत्री मोदी की भी योजनाओं का मूल्यांकन कर रहे हैं।
5. सीएम ने सरकार के 18 विभागों पर जोर दिया था जिनमें कृषि, ग्रामीण विकास, आदिवासी विकास, उद्योग और वाणिज्य, राजस्व, स्कूल शिक्षा, तकनीकी शिक्षा और कौशल विकास, स्वास्थ्य, महिला एवं बाल विकास, ऊर्जा, गृह, पीडब्ल्यूडी, पीएचई, नगरीय प्रशासन, पर्यावरण, वन, परिवहन, जल संरक्षण विभाग शामिल हैं।
6. मप्र से पहले गुजरात, महाराष्ट्र, हरियाणा, दिल्ली समेत केंद्र सरकार ने भी ये सिस्टम लागू किया था जिसके अच्छे परिणाम सामने आए। क्योंकि सरकार में बैठे अधिकारी जो रिपोर्ट देते हैं उसमें ऐसा लगता है कि सबकुछ बढिय़ा चल रहा है जबकि जमीनी हकीकत अलग होती है।
7. सीएम इन फैलोज के जरिए जानना चाहते थे कि सरकार की योजनाएं जनता तक किस रुप में पहुंच रहीं हैं और इसका कितना लाभ लोगों को मिल रहा है।
8. इन सीएम फैलोज के अलावा प्रदेश की 23 हज़ार ग्राम पंचायतों में 1.5 लाख से ज्यादा कार्यकर्ता एक साल से फीडबैक लेने का काम कर रहे थे। जबकि शहरी इलाकों में इनकी संख्या करीब 30 हज़ार है।
9. इन सीएम फैलोज ने भावांतर, संबल, सरल, उज्ज्वला जैसी तमाम योजनाओं का भी प्रदेश के गांव और शहरों में जाकर जनता का फीडबैक लिया है।