big breaking:-ये रहेगी कमलनाथ की टीम! सिंधिया समर्थकों को मिला खास स्थान

मंगल भारत भोपाल:-कैबिनेट मंत्रालय के गठन पर विशेष रिपोर्ट मनीष द्विवेदी प्रबंध संपादक एवं सलाहकार संपादक बलराम पांडे मंगल भारत राष्ट्रीय समाचार पत्रिका के साथ.

ये रहेगी कमलनाथ की टीम! सिंधिया समर्थकों को मिला खास स्थान

भोपाल। मध्यप्रदेश में हुए विधानसभा चुनावों के बाद दिसंबर में भाजपा को करीब 15 साल की सत्ता से बेदखल करते हुए कांग्रेस ने सरकार बनाई। जिसमें कमलनाथ को कांग्रेस आलाकमान की ओर से प्रदेश की बागडोर देते हुए सीएम बनाया गया।

वहीं अभी तक मध्यप्रदेश में मंत्रियों के नाम सामने नहीं आने से पूरे प्रदेश में इसे लेकर चर्चाओं का दौर बना हुआ है। लगातार हो रही दिल्ली में बैठकों के बावजूद गतिरोध जारी रहने से मंत्रिमंडल गठन में देरी हो रही है।

सामने आ रही सूचना के अनुसार दिल्ली में तीन दिल से चल रही बैठक के बाद भी अब तक पूरा खाका तैयार नहीं हो पाया है।

जबकि 25 दिसम्बर को शपथ ग्राहण कार्यक्रम तय कर लिया गया है और इसकी तैयारियां भी अंतिम दौर में है। लेकिन कौन कौन, कितने और कौन किस विभाग के मंत्री पद की शपथ लेंगा, इसकी जानकारी सामने नहीं आई है।

वहीं ऐसे में जो सूचना सामने आ रही है, उसके अनुसार कुछ नामों पर लगभग पूरी तरह से मुहर लग चुकी है।

सूत्रों के मुताबिक सभी दिग्गज नेताओं के समर्थकों को लिए जाने के संतुलन वाले फार्मूले पर पिछले दिनों भी कवायद चलती रही, फ़ोन पर भी नाथ की तमाम दिग्गज नेताओं के साथ चर्चा हुई। फिर उनकी शाम को एआईसीसी के पर्यवेक्षक बनकर विधायक दल की बैठक लेने वाले एके एंटोनी से मुलाकात हुई। इसके बाद शाम को नाथ ने दोबारा नेताओं से टेलीफोन पर चर्चा की।

ये नहीं बनेंगे मंत्री!…
वहीं यह बात भी सामने आ रही है कि पहली बार जीते विधायकों को मंत्रिमंडल में शामिल नहीं किया जाएगा। इसके संकेत सीएम कमलनाथ भी दे चुके हैं, लेकिन वरिष्ठ नेताओं को लेकर पेंच फंसा हुआ है।

पिछले दिनों दिल्ली में नाथ की एके एंटोनी से मुलाकात हुई और सोमवार को कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी से मंत्रिमंडल के संभावित सदस्यों की सूची के साथ भेंट होने की संभावना है। बताया जाता है कि नाम तय होने के बाद कमलनाथ भोपाल लौटेंगे और मंत्रिमंडल को शपथ दिलाएंगे।

ज्योतिरादित्य सिंधिया की धमक रहेगी भारी!…
वहीं यह भी बताया जाता है कि कमलनाथ मंत्रिमंडल में सांसद ज्योतिरादित्य सिंधिया समर्थकों की संख्या अधिक होगी। तीन दिन चली बैठकों में एकमत नहीं होने के चलते नाम तय नहीं हो पाए हैं। डेढ़ दर्जन से अधिक मंत्री शपथ लेंगे। इसमें एक तिहाई सिंधिया समर्थक हो सकते हैं।

दिग्गज नेताओं के समर्थकों को एडजस्ट करने के चलते मंत्रिमंडल पर फैसले में देर हो रही है। साथ ही विधानसभा अध्यक्ष और प्रदेश अध्यक्ष को लेकर भी चर्चा चल रही है।

माना जा रहा है कि सभी बड़े नेताओं को कोई न कोई बड़ा पद देना होगा, जिसके चलते नाराजगी न पनपे। कुल मिलाकर सभी को साधने की कोशिश में गहन विचार किया जा रहा है।

किसे कौन सा विभाग!…
चर्चा है कि कुछ विधायकों के नाम तकरीबन फायनल कर लिए गए हैं। अब तक इनके नाम भी घोषित नहीं किए गए हैं। लेकिन सूत्रों का कहना है कि इनमें…
– केपी सिंह व डॉ. गोविंद सिंह में से किसी एक को गृह विभाग दिया जा सकता है, जबकि दूसरे को जेल विभाग मिल सकता है।
– इमरती देवी : महिला एवं बाल विकास या पिछड़ा व अल्पसंख्यक कल्याण विभाग दिया जा सकता है।
– लाखन सिंह यादव : जेल या कृषि विभाग।
– दीपक सक्सेना : वाणिज्य व उद्योग।
– तुलसी सिलावट : सामाजिक न्याय या सहकारिता।
– प्रद्मुम्नसिंह तोमर: चिकित्सा या लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण।
– जीतू पटवारी : कृषि या उर्जा या जनसंपर्क
– प्रदीप जायसवाल: फारेस्ट या सहकारिता।
– डॉ. विजयलक्ष्मी साधौ: उच्च शिक्षा।

चयन को लेकर कड़ी मशक्कत…
बताया जाता है कि कमलनाथ को नामों के चयन के लिए कड़ी मशक्कत करनी पड़ी है। उन्होंने मंत्रियों के नाम तय करने में क्षेत्रीय-जातीय समीकरण के साथ ही पार्टी के क्षत्रपों की पसंद का भी ध्यान रखा जा रहा है।

कमलनाथ ने साफ कर दिया है कि मंत्रिमंडल का गठन वरिष्ठता के आधार पर होगा। पहली बार जीते हुए विधायकों को मंत्री नहीं बनाया जाएगा।

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