श्रीनगर से क़रीब 45 किलोमीटर दूर उत्तरी कश्मीर के बारामूला ज़िले के सोपोर क़स्बे के एक बाज़ार में सुबह नौ बजे के आस-पास विस्फोट हुआ. इसकी ज़द में जम्मू-कश्मीर पुलिस का गश्ती दस्ता आ गया जिससे चार पुलिसकर्मियों की मौक़े पर ही मौत हो गई.
शनिवार को इलाक़े में अलगावादियों ने बंद बुलाया था, जिसके चलते भारी संख्या में पुलिस और सुरक्षाबलों को तैनात किया गया था.
उत्तरी कश्मीर के डीआईजी बी के बद्री ने बताया, ”यहां सोपोर के छोटा बाज़ार में एक दुकान के कोने में बारुदी सुरंग बिछाई गई थी, जब पुलिस की गाड़ी वहां से गुजरी तो उसमें धमाका हो गया, विस्फोट की वजह से चार पुलिसकर्मी मारे गए वहीं कुछ दुकानों को भी नुकसान पहुंचा है.”
धमाका होने के बाद भारी संख्या में पुलिस और सुरक्षाबलों का दस्ता घटनास्थल पर पहुंच गया और हमलावरों की तलाश शुरू कर दी.
मारे गए पुलिसकर्मियों की पहचान डोडा निवासी असिस्टेंट सब इंस्पेक्टर इरशाद अहमद, कुपवाड़ा के मोहम्मद अमीन, सोपोर के गुलाब नबी और कुपवाड़ा निवासी परवेज़ अहमद के रूप में हुई है.
प्रदेश की मुख्यमंत्री महबूबा मुफ़्ता ने जवानों की मौत पर शोक व्यक्त किया है.
उन्होंने इस संबंध में ट्विटर पर लिखा, ” यह सुनकर बहुत तकलीफ़ हुई कि सोपोर में आईईडी धमाके में चार पुलिसकर्मियों की मौत हुई है, मेरी संवेदनाएं मृतकों के परिजनों के साथ हैं.”
इस हमले की ज़िम्मेदारी चरमपंथी संगठन जैश-ए-मोहम्मद ने ली है.
हाल ही में जैश के चरमपंथियों ने ही पुलवामा के लेथपोरा में सीआरपीएफ़ कैम्प पर फिदायीन हमला किय़ा था, जिसमें पांच जवानों की मौत हो गई थी.
इस घटना के बाद बताया जाता है कि इन्हीं में से एक फिदायीन का वीडियो भी सामने आया था, जिसमें उसने कश्मीर में सुरक्षा बलों पर हमले जारी रहने की बात कही थी.
साल 1993 में आज ही के दिन सोपोर में ही सुरक्षा बलों की फायरिंग में करीब 53 आम लोगों की मौत हो गई थी. यहां अलगाववादियों ने बंद भी बुलाया था जिसके चलते कस्बे की सभी दुकाने बंद थीं.