भोपाल मध्य प्रदेश में कांग्रेस पार्टी के घोषणा पत्र पर बवाल मच गया है। पार्टी ने सरकारी भवनों और उसके परिसरों में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) की ‘शाखा’ नहीं चलने देने की बात शामिल की है। इसको लेकर बीजेपी ने कड़ा ऐतराज जताया है। एक ओर जहां बीजेपी नेता इस मामले को लेकर कांग्रेस पर हमलावर हो रहे हैं, वहीं दूसरी ओर कांग्रेस ने अपने घोषणा पत्र में इसे शामिल किए जाने को सही ठहराया है।
बीजेपी के प्रवक्ता संबित पात्रा ने कांग्रेस पर पलटवार करते हुए कहा, ‘ऐसा लगता है कि इन दिनों कांग्रेस का एक ही अजेंडा है- मंदिर नहीं बनने देंगे, शाखा नहीं चलने देंगे।’ वहीं बीजेपी के राष्ट्रीय महामंत्री कैलाश विजयवर्गीय ने कहा, ‘कांग्रेस ने संघ पर प्रतिबंध लगाने का वचन दिया है, अच्छा होता, अगर कांग्रेस सिमी जैसे आतंकवादी संगठनों पर प्रतिबंध लगाती। लेकिन वहां क्यों लगाएंगे, आपकी राजनीति तुष्टिकरण व वोटबैंक की जो है।’ कैलाश ने कहा कि जनता कांग्रेस को कभी माफ नहीं करेगी।
हरियाणा सरकार के मंत्री अनिल विज ने भी कांग्रेस पर हमला बोलते हुए कहा, ‘कांग्रेस की मति भ्रष्ट हो गई है। मध्य प्रदेश के मेनिफेस्टो में देशभक्त RSS के शाखा लगाने पर रोक की बात करती है और देशद्रोही नक्सलवादियों को क्रांतिकारी कहती है।’ वहीं दूसरी ओर कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पूर्व वित्त मंत्री पी चिदंबरम ने कांग्रेस के घोषणापत्र में शामिल वादे का समर्थन करते हुए कहा, ‘आरएसएस एक राजनीतिक संस्था है, यदि कांग्रेस सत्ता में आती है तो कांग्रेस ने घोषणा पत्र में कहा है कि सरकारी इमारतों में संघ की शाखाओं को बंद कर दिया जाएगा, मुझे इसमें कुछ भी गलत नहीं लगता है।’ उन्होंने कहा कि सरकारी कर्मचारी जब तक नौकरी कर रहे हैं तब तक उन्हें खुले रूप से किसी भी राजनीतिक दल के साथ नहीं आना चाहिए।