अमृतसर ब्लास्ट: पाकिस्तान से जुड़ रहे हैं तार: कैप्टन अमरिंदर सिंह

अमृतसर अमृतसर के राजासांसी गांव के निरंकारी डेरे पर ग्रेनेड से हुए हमले के तार पड़ोसी देश पाकिस्तान से जुड़ते दिख रहे हैं। पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमेरिंदर सिंह ने सोमवार को खुलासा करते हुए बताया कि इस संबंध में शुरुआती जांच में सामने आ रहा है कि जिन दो अज्ञात हमलावरों ने यहां ग्रेनेड फेंका था वह पाकिस्तानी सेना की ऑर्डनंस फैक्टरियों में निर्मित होने वाले ग्रेनेड जैसा ही था।

पंजाब पुलिस ने पिछले महिने जब एक आतंकी मॉड्यूल को पकड़ा था, तो उसे यहां से भी ऐसे ही HG-84 ग्रेनेड मिला था। अमरिंदर सिंह ने कहा, ‘इससे बहुत हद तक यह संकेत साफ है कि इस हमले में सीमापार से ही प्रतिकूल ताकतों का हाथ है।’ अभी तक मिले सभी तथ्यों पर गौर करें, तो प्रथम दृष्टया यह साफ हो जाता है कि इस आतंकी हमले में अलगावादियों का ही हाथ है।

हालांकि मुख्यमंत्री ने लोगों को यह चेतावनी दी कि वे इस हमले को निरंकारी-सिख द्वंद्व के रूप में न देखें। दबे मुंह यह सवाल भी उठ रहे थे कि यह हमला 40 साल पहले हुए हमले का बदला है, जब 1978 में निरंकारी और सिखों के बीच झगड़ा हुआ था। तब बैसाखी के दिन इस संघर्ष 13 सिखों की जान चली गई थी और इसके बाद सूबे में आतंक ने अपने पांव पसार लिए थे।

मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह ने कहा, ‘1978 में निरंकारी झगड़ा धार्मिक मामला था और यह साफतौर पर आतंकी घटना है और इसलिए किसी को इसे 1978 के एंगल से नहीं देखना चाहिए।’ सीएम ने चेतावनी देते हुए कहा कि इसे सूबे में तनाव पैदा हो सकता है, जबकि इस घटना का कोई भी धार्मिक कनेक्शन नहीं है। सुरक्षा एजेंसियों की मानें, तो यह घटना खालिस्तानी और कश्मीरी आतंकियों की साजिश है, जो पंजाब में मुश्किलें पैदा करने की कोशिश कर रहे हैं।