स्टडी में दावा- नाक में ही दम तोड़ देगा कोरोना 94% इफेक्टिव है भारत में बना नेजल स्प्रे

स्टडी में दावा- नाक में ही दम तोड़ देगा कोरोना 94% इफेक्टिव है भारत में बना नेजल स्प्रे.

हेल्थ जर्नल द लैंसेट रीजनल हेल्थ साउथ ईस्ट एशिया में प्रकाशित एक रिपोर्ट के मुताबिक, तीसरे चरण के परीक्षण के परिणामों के अनुसार, भारत में कोविड 19 के उच्च जोखिम वाले वयस्क मरीजों को दी गई नेजल स्प्रे (नाक के रास्ते लिया जाने वाला एंटी-कोविड स्प्रे) ने 24 घंटे के भीतर वायरल लोड को 94 प्रतिशत और 48 घंटे में 99 प्रतिशत तक कम कर दिया। इसी साल फरवरी में सरकार से अनुमति लेने वाले इस नेजल स्प्रे को फैबी स्प्रे नाम से लॉन्च किया गया था। मुंबई स्थित दवा कंपनी ग्लेनमार्क ने भारत में करीब 20 स्थानों पर टीकाकरण और बिना टीकाकरण वाले 306 वयस्कों पर नाइट्रिक ऑक्साइड नेजल स्प्रे का अध्ययन किया, जो कोविड 19 से संक्रमित थे। ग्लेनमार्क की क्लीनिक डेवलपमेंट प्रमुख मोनिका टंडन ने कहा, नेजल स्प्रे का कोरोना संक्रमित मरीजों पर देश के 20 अस्पतालों में परीक्षण हुआ। इस दौरान हल्के लक्षण वाले कोरोना संक्रमितों (जिन्होंने टीका लिया) और बिना टीका लेने वाले कोरोना मरीजों को अलग-अलग समूह में रखा गया। एक को नेजल स्प्रे यानी नाक के जरिए नाइट्रिक ऑक्साइड दी गई, जबकि दूसरे समूह को एक प्लेसीबो दिया गया।

सोशल मीडिया पर एक्टिव महिलाओं को नीची निगाह से देखने वाले अपनी मानसिकता बदलें
अहमदाबाद की एक कोर्ट ने कहा है कि जो लोग सोशल मीडिया पर एक्टिव और राजनीतिक दलों के राजनेताओं के साथ जुड़कर सामाजिक काम में सक्रिय महिलाओं को नीची निगाह से देखते हैं,आज के समय में ऐसे लोगों को अपनी मानसिकता को बदलने की जरूरत है। एक खबर के मुताबिक कोर्ट ने ऐसी मानसिकता वाले लोगों को फटकार लगाई जो पॉलिटिक्स और सोशल मीडिया पर एक्टिव महिलाओं को ठीक नहीं मानते और उनके कमजोर चरित्र का होने का संदेह करते हैं। दुबई में रहने वाले एक व्यक्ति को घरेलू हिंसा अधिनियम के तहत अपनी परित्यक्त पत्नी को गुजारा भत्ता देने के एक निचली अदालत के फैसले को बरकरार रखते हुए अहमदाबाद की एक सेशन कोर्ट ने ये टिप्पणी की है। पति ने निचली अदालत के फैसले को ये कहकर चुनौती दी थी कि उसकी पत्नी नेताओं के साथ अपनी फोटो खींचकर उसे सोशल मीडिया पर पोस्ट करती है।

रेप के दोषी को साढ़े 7 लाख रुपये मुआवजा देगी छत्तीसगढ़ सरकार, कोर्ट के आदेश
सुप्रीम कोर्ट ने रेप के दोषी से जुड़े एक प्रकरण में बड़ा आदेश दिया है। सुप्रीम कोर्ट ने छत्तीसगढ़ सरकार को मामले में साढ़े 7 लाख रुपये मुआवजा देने का आदेश दिया है। दरअसल हाई कोर्ट के आदेश के बाद भी छत्तीसगढ़ में दुष्कर्म के दोषी को सात साल की जगह 10 साल से अधिक समय जेल में काटना पड़ गया। सुप्रीम कोर्ट ने इसे संविधान के मौलिक अधिकारों का हनन माना है और उसे साढ़े 7 लाख रुपए मुआवजा राशि देने का आदेश राज्य शासन को दिया है। इसके साथ ही इस लापरवाही के लिए दोषी अधिकारी पर कार्रवाई करने का भी आदेश दिया है। मामला जशपुर जिले का है। जशपुर जिले के फरसाबहार थाना क्षेत्र के ग्राम तमामुंडा निवासी भोला कुमार दुष्कर्म के मामले में जेल में बंद था। ट्रायल में उसे निचली अदालत ने दोषी करार दिया और साल 2014 में आजीवन कारावास की सजा सुनाई थी। इस फैसले के खिलाफ उसने हाई कोर्ट में क्रिमिनल अपील प्रस्तुत किया था। हाई कोर्ट ने 19 जुलाई 2018 को उसे दुष्कर्म के लिए दोषी ठहराया था। इसके साथ ही उसकी आजीवन कारावास यानि 12 साल की सजा को कम कर 7 साल कर दिया था, लेकिन, हाई कोर्ट के आदेश के बाद भी उसे 10 साल से अधिक समय जेल में बिताना पड़ा।

देशभर में आज से 18+ को लग रही है कोरोना की मुफ्त एहतियाती खुराक
आनलाइन डेस्क। देश में कोरोना की रफ्तार अभी भी जारी है। पिछले कुछ दिनों से कोरोना संक्रमण के रोजाना 15 हजार से ज्यादा मामले सामने आ रहे हैं। कोरोना के बढ़ते मामलों को देखते हुए केंद्र सरकार ने अहम फैसला लिया है। देशभर में आज से कोरोना की एहतियाती डोज मुफ्त लगाई जा रही है। हाल ही में पीएम नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट की बैठक में इस फैसले पर मुहर लगी थी। फैसले में कहा गया था कि 15 जुलाई से ‘आजादी के अमृत महोत्सव’ के हिस्से के तौर पर अगले 75 दिनों तक मुफ्त सतर्कता डोज के लिए अभियान चलाया जाएगा। कैबिनेट के फैसले के बाद पीएम ने ट्वीट भी किया था। मोदी ने कहा था कि वैक्सीन ही कोरोना के खिलाफ लड़ाई है। ये फैसला भारत की वैक्सीनेशन ड्राइव को और आगे बढ़ाने का काम करेगा। देश में 18-59 साल के आयुवर्ग के लोग सरकारी टीकाकरण केंद्रों पर एहतियाती खुराक मुफ्त लगवा सकेंगे।