पढ़ाई से लेकर नौकरी तक के नाम पर की जा रही कमाई

यूजी पीजी में पंजीयन से 16 करोड़ तो एक हजार करोड़ से अधिक की कमाई की …

भोपाल/मंगल भारत।मनीष द्विवेदी। प्रदेश में भले ही बेराजगारी छायी हो और गरीबी की वजह से आम आदमी अपने बच्चों की पढ़ाई से लेकर उनकी परवरिश भी ढंग से नहीं कर पा रहा है, लेकिन सरकार उनकी पढ़ाई से लेकर नौकरी देने के नाम पर जमकर कमाई कर रही है। अगर महाविद्यालयीन की पढ़ाई की बात करें तो इस साल ही उच्च शिक्षा विभाग ने महज यूजी व पीजी में प्रवेश के नाम पर ही 16 करोड़ रुपए की कमाई कर ली है, जबकि अगर नौकरी की बात की जाए तो भले ही युवाओं को सरकारी नौकरी नहीं मिली हो, लेकिन उन्हें नौकरी के सपने दिखाकर प्रदेश सरकार का प्रोफेशनल एग्जामिनेशन बोर्ड (पीईबी) एक हजार करोड़ रुपए से अधिक की कमाई कर चुका है। इस साल उच्च शिक्षा विभाग द्वारा प्रदेश में संचालित किए जाने वाले 1329 निजी और सरकारी कॉलेजों के यूजी कोर्स में प्रवेश कराने के नाम पर 16 करोड़ रुपये की फीस की वसूली की जा चुकी है। खास बात ह है की विभाग ने छात्राओं को निशुल्क प्रवेश का वादा करने के बाद भी उनसे सिर्फ पंजीयन के नाम पर ही करीब नौ करोड़ कमा लिए। यह वसूली एक काउंसलिंग और चौथी सीएलसी में हुई है। इसकी वजह है सीएलसी का पंजीयन शुल्क 500 रुपये तय है। अभी पांचवीं सीएलसी चल रही है। प्रदेश में सिर्फ प्रथम चरण में छात्राओं के निशुल्क पंजीयन हुये हैं।
इसी तरह से विभाग ने आनलाइन काउंसलिंग के नाम पर भी करोड़ों रुपये कमाए हैं। इसमें भी छात्राओं से नामांकन के नाम पर शुल्क वसूला गया है। सिर्फ यूजी के पंजीयन में विभाग ने करीब 16 करोड़ की कमाई है। अभी तक यूजी कॉलेजों में तीन लाख 67 हजार विद्यार्थियों ने प्रवेश लिया है, जबकि यूजी पीजी प्रवेश संख्या पांच लाख के आसपास पहुंच चुकी है। उधर, बीते एक दशक में प्रोफेशनल एग्जामिनेशन बोर्ड (पीईबी) परीक्षा फीस के नाम पर बेरोजगारों से 1 हजार 46 करोड़ रुपए वसूले, जबकि पीईबी का सभी तरह का खर्च 502 करोड़ रुपए ही हुआ। विधानसभा के पिछले सत्र में सरकार यह स्वीकार भी कर चुकी है।
छात्राओं से इस तरह ली गई राशि
सरकार छात्राओं को निशुल्क शिक्षा देने के दावा करती है , लेकिन इसके नाम पर उनसे महज ट्यूशन फीस नहीं ली जाती है। विभाग द्वारा जारी की गई गाइडलाइन में छात्रों को 100 रुपये और छात्राओं को निशुल्क रखा गया है। पिछली चार सीएलसी में छात्र और छात्राओं से पंजीयन के नाम पर 500-500 रुपये लिये गये हैं। पांचवी सीएलसी में 500 रुपये से पंजीयन कराये जा रहे हैं। यह बात अलग है की एक बार पंजीयन कराने के बाद विद्यार्थियों को प्रवेश नहीं होने तक दोबारा पंजीयन कराने की जरुरत नहीं होती है।
इस तरह से भरा खजाना
महाविद्यालयों में प्रवेश के पहले राउंड में 1,10,600 छात्रों के पंजीयन से ही एक करोड़ दस लाख रुपये की आय हुई। इसमें 1,57,000 छात्राओं ने निशुल्क पंजीयन कराये। तीनों सीएलसी में एक लाख 48 हजार छात्रों के पंजीयन से 500 रुपये के हिसाब से विभाग 7,35,60,000 रुपये मिले। वहीं एक लाख 23 हजार छात्रों से 500 रुपये के हिसाब से 6,14,61,000 रुपये वसूले गये। अतिरिक्त सीएलसी में यूजी में 62 हजार 400 पंजीयन हुये हैं। इसमें करीब तीस हजार छात्राएं हैं। उनसे करीब डेढ़ करोड़ रुपए फीस ली गई है। इससे छात्राओं से पूरे नौ करोड़ रुपए वसूले गए हैं। जबकि विभाग छात्राओं को निशुल्क प्रवेश देने की बात कर रहा है। पांचवी सीएलसी में यूजी में करीब 21 हजार और पीजी में करीब साढ़े पांच हजार, जबकि यूजी में साढ़े नौ और पीजी में करीब ढाई हजार विद्यार्थियों ने प्रवेश लिया है।
यह है सरकारी पदों पर भर्ती के हाल
प्रदेश के सरकारी विभागों में अब भर्ती प्रक्रिया शुरू हो रही है। दावा है कि एक साल में एक लाख लोगों को नौकरी दी जाएगी। इससे एक बार फिर से नौकरी का इंतजार कर रहे युवाओं को आस बंधी है। बीते कई सालों से सरकारी नौकरी कके नाम पर युवाओं की जेब ही काटी जाती रही है। पिछले दस सालों में प्रोफेशनल एग्जामिनेशन बोर्ड (पीईबी) परीक्षा फीस के नाम पर बेरोजगारों से 1 हजार 46 करोड़ रुपए की वसूली कर चुका है , जबकि इसी अवधी में उसका सभी खर्च 502 करोड़ रुपए ही हुआ। यह स्वयं सरकार ने विधानसभा के पिछले सत्र में स्वीकार भी कर चुकी है। प्रदेश में आयोजित होने वाली भर्ती परीक्षाओं में हर साल लाखों बेरोजगार शामिल होते हैं। 2017 में पीईबी ने 15 परीक्षाएं ली, जिनमें 36 लाख से अधिक अभ्यर्थी शामिल हुए। सबसे ज्यादा फीस पटवारी, पुलिस, जेल प्रहरी, शिक्षक भर्ती की परीक्षा के नाम पर ली गई है।
इस साल संभावित परीक्षाएं
प्रदेश में अभी सरकारी आंकड़ों के मुताबिक बेराजगारों की संख्या करीब 28 लाख है। इन बेरोजगारों को इस साल कई परीक्षाओं के माध्यम से नौकरी मिलने की आशा लगी हुई है। इसमें अगले माह सितम्बर में सहायक ग्रेड-3, स्टेनोटायपिस्ट, स्टेनोग्राफर, डाटा एंट्री ऑपरेटर, कौशल विकास संचालनालय के अंतर्गत प्रशिक्षण अधिकारी के पदों हेतु भर्ती परीक्षा, सहायक लोक विश्लेषक/रसायनज्ञ -2 व अन्य पदों के लिए परीक्षा संभावित है। इदसी तरह से अक्टूबर में पैरामेडिकल एवं नर्सिंग, हॉउस कीपर, साइकेट्रिक सोशल वर्कर, कार्यक्रम प्रबंधक बाल संरक्षण जिला प्रबंधक, कनिष्ठ लेखा अधिकारी व अन्य पदों के लिए जबकि नवम्बर में वन रक्षक, जेल उप निरीक्षक भर्ती परीक्षा संभावित है।