भाजपा के लिए मुसीबत बन रहा विंध्य अंचल

सत्ता व संगठन की बढ़ रही हैं मुश्किल

भोपाल/मंगल भारत।मनीष द्विवेदी। जिस विंध्य अंचल ने बीते आम विधानसभा चुनाव में प्रदेश भाजपा की झोली में एक तरफा जीत डालते हुए कांग्रेस के दिग्गजों को घर बैठने पर मजबूर कर दिया था, वहीं अंचल अब भाजपा संगठन व सत्ता के लिए मुसीबत बन चुका है। इस जीत के बाद इलाके के कई ऐसे नेता है जो अब सत्ता व संगठन के लिए मुसीबत के सबब बन चुके हैं। शायद यही वजह है कि नगरीय निकाय चुनावों में पार्टी को अपने गढ़ रीवा, सिंगरौली में महापौर पद के लिए हार का मुंह देखना पड़ा है। यही नहीं इसके पहले पार्टी को उपचुनाव में भी पराजित होना पड़ा था , लेकिन इसके बाद भी शायद पार्टी ने सबक नहीं लिया है। अंचल में पार्टी के नेताओं से लेकर विधायक तक इतने स्वछंद हो चुके हैं की वे पार्टी लाइन को तोड़ने में भी नहीं चूकते हैं।
इसका उदाहरण हाल ही में जारी एक नेता का पिटाई करने वाला वीडियो ही नही है , बल्कि एक विधायक का आडियो भी है। ऐसे नेताओं के खिलाफ पार्टी कोई कार्रवाई करती नजर नहीं आयी है जिसकी वजह से इस तरह की घटनाएं बढ़ रही हैं। यह तो वे मामले हैं जो सार्वजनिक हुए हैं, लेकिन और कई ऐसे मामले भी होंगे जिसकी जानकारी भोपाल तक आती ही नही है। यही नहीं इस अंचल में सत्ता में भागीदारी नहीं मिलने की वजह से भी नाराजगी की खबरें आना आम बात है। इनमें विधायक भी शामिल हैं। इस अंचल के दो विधायकों के जिस तरह के तेवर बने हुए हैं , उससे सत्ता और संगठन दोनों ही परेशानी बने हुए हैं। खास बात यह है की इस परेशानी से बाहर आने का उपाय न तो संगठन को मिल रहा है और न ही सत्ता कोई उपाय तलाश पा रही है।
इस अंचल के दो विधायक तो पहले से ही पार्टी की परेशानी की वजह बने हुए थे , लेकिन अब उसमें दो नए नाम जुड़ने की वजह से यह परेशानी अब और बढ़ गई है। यही वजह है की इन दिनों इस मामले में सत्ता और संगठन सहमा हुआ नजर आ रहा है। दरअसल विंध्य में विधायकों के विरोध के सुर तो पहले से उठ चुके हैं। हाल-फिलहाल विंध्य के भाजपा के कुछ विधायकों ने तीखे तेवर अब तो पार्टी की किसी बैठक अथवा बंद कमरे की जगह सार्वजनिक तौर पर दिखाने लगे हैं। हाल ही में रीवा जिले के सिरमौर से भाजपा विधायक दिव्यराज सिंह का नया मामला सामने आया है। रीवा राजपरिवार से आने वाले सिंह को बेहद शांत और सौम्य माने जाते हैं। हाल ही में उनके द्वारा अपनी ही सरकार के खिलाफ धरना-प्रदर्शन कर उमरिया जिला प्रशासन को झुकाने का काम किया है। वे कृष्ण जन्माष्टमी बांधवाधीश मंदिर में पूजा करने के लिए जाने पर अड़े थे। उनका कहना था कि मंदिर को जनता के लिए खोला जाए प्रशासन की ओर से बांधवगढ में जंगली हाथियों का हवाला देकर मंदिर में दर्शन करने की अनुमति नहीं दी जा रही थी दिव्यराज ने भाजपा नेता गगनेंद्र सिंह के साथ राज्य सरकार के खिलाफ धरना-प्रदर्शन शुरू कर दिया। उन्हें गिरफ्तार भी किया गया, लेकिन वे झुके नहीं । आखिरकार प्रशासन को झुकना पड़ा प्रशासन की ओर से उन्हें मंदिर ले जाया गया और दर्शन कराया गया। बताते हैं कि दिव्यराज इससे भी संतुष्ट नहीं हैं। उनका मानना है कि बरसात में जब नेशनल पार्क बंद रहता है, तो एक दिन के लिए प्रशासन व्यवस्था कर दर्शन करा सकता है। गगनेंद्र ने सत्ता और संगठन को सीधी चेतावनी दी थी कि अस्मिता के लिए सौ सरकारें कुर्बान कर सकता हूँ। दूसरा मामला रीवा जिले के सेमरिया से भाजपा विधायक केपी त्रिपाठी का है त्रिपाठी का जनपद पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी संजय मिश्रा के साथ दुर्व्व्यवहार किए जाने का आडियो वायरल हुआ था उसके बाद दुर्दांत तरीके से सीईओ के साथ मारपीट भी की गई थी। त्रिपाठी का एक अफसर के प्रति किया गया व्यवहार कतई उचित नहीं है, इसे पार्टी ने भी माना है। इसके लिए त्रिपाठी को नेतृत्व की फटकार भी सुननी पड़ी है। बहरहाल संगठन में यह मैसेज भी गया है कि विधायकों की मैदानी अफसर नहीं सुन रहे हैं, जिसके कारण इस तरह के हालात बने हैं। तीसरा मामला मैहर से भाजपा विधायक नारायण त्रिपाठी का है। त्रिपाठी ने एक दलित महिला सरपंच पर अत्याचार का मामला उठाया और अपनी ही पार्टी के मंत्री रामखेलावन पटेल और सतना सांसद गणेश सिंह को परिणाम भुगतने की चेतावनी दे डाली।
नारायण त्रिपाठी और शहडोल जिले के व्यौहारी से भाजपा विधायक शरद कोल पार्टी लाइन से हटकर पहले भी काम करते रहे हैं। दोनों नेता विधानसभा में पार्टी लाइन के इतर जाकर क्रॉस वोटिंग भी कर चुके हैं। दोनों विधायकों को लेकर पार्टी मानसिक रूप से पहले से तैयार है। दोनों नेता पार्टी के रडार पर भी हैं। यह बात अलग है की इन दोनों ही विधायकों पर पार्टी अब तक कोई ठोस कार्रवाई करने की हिम्मत नहीं दिखा सकी है। बहरहाल दिव्यराज सिंह और केपी त्रिपाठी के मामलों ने सरकार और संगठन की चिंता को और बढ़ा दिया है। त्रिपाठी ने जिस तरह का व्यवहार सीईओ के साथ किया है, वह भी सत्ता में रहते हुए, भाजपा की रीति-नीति के खिलाफ है। पार्टी की परेशानी इसलिए भी है कि भाजपा विधायक पहले भी लामबंद होकर तीखे तेवर अपना चुके हैं।
पहली बार विंध्य के भाजपा विधायक लामबंद हुए और पूर्व मंत्री राजेंद्र शुक्ला को मंत्री नहीं बनाए जाने का विरोध किया था। आखिरकार इस विरोध के आगे सत्ता और संगठन को झुकना पड़ा था। उसके बाद गिरीश गौतम को विधानसभा अध्यक्ष बनाए जाने को लेकर भी लामबंद हुए। थे। ऐसे में यह माना जा रहा है कि विंध्य इलाके में पार्टी में मनमानी बढती ही जा रही है।
त्रिपाठी लगातार खोले हुए हैं मोर्चा
अपने बगावती तेवरों के कारण अक्सर सुर्खियों में रहने वाले मैहर से भाजपा के विधायक नारायण त्रिपाठी तो लगातार मोर्चा खोले हुए हैं। वे चार माह पहले भी विंध्य प्रदेश का स्थापना दिवस मना कर शिवराज सरकार को एक बार फिर से खुली चुनौती दे चुके हैं। नारायण ने अपने मंसूबे जाहिर करते हुए यहां तक कह डाला था कि अगर 2023 तक विंध्य प्रदेश न बना तो तीसरा मोर्चा बनेगा। पिछले कई महीनों से पृथक विंध्य प्रदेश की मांग उठा कर सरकार की मुश्किलें बढ़ाते आ रहे त्रिपाठी ने सियासी बिसात पर एक बड़ी चलते हुए यहां तक कहा डाला था कि यह तीसरा मोर्चा विन्ध्य की सभी 30 सीटों पर चुनाव लड़ेगा और भोपाल पहुंच कर विन्ध्य प्रदेश का गठन कराएगा। उनका कहना था कि मैहर माता शारदा की धरा है,यहां लिया गया कोई संकल्प अधूरा नही रहता। विंध्य की भूमि मयार्दा पुरुषोत्तम भगवान राम की तपोभूमि है,यहां गोस्वामी तुलसीदास जी ने रामचरित मानस की रचना की,यह भूमि निर्विवाद है,इसका उत्थान होना ही चाहिए। इसके पहले भी वे कई मौकों पर पार्टी व सरकार के लिए खुलकर संकट खड़ा कर चुके हैं।
दो नेताओं के विडियो हो चुके वायरल
इस अंचल के दो नेताओं के हाल ही में पिटाई करने वाले विडियो भी वायरल हो चुके हैं। इसमें एक नेता महिना नहीं पहुंचने पर एक पंचायत सचिव की मुर्गा बनकार डंडो से पिटाई कर रहा है। इसमें कितनी सच्चाई है यह पता नहीं चल सका है। दूसरा विडियो में रीवा नगर के दीनदयाल मंडल के उपाध्यक्ष और बीजेपी नेता ऋतुराज चतुर्वेदी एक सैलून संचालक की पिटाई कर रहे हैं इतना ही नहीं उनके दुकान में तोड़फोड़ भी की जा रही है, दरअसल सैलून संचालक एक रिटायर फौजी दिनेश मिश्रा हैं जिनकी बीजेपी नेता ऋतुराज चतुर्वेदी के साथ तनातनी हो गयी थी। फिर क्या था ऋतुराज और उसके दो दोस्तों ने मिलकर दिनेश मिश्रा की पिटाई कर दी थी।