भोपाल/मंगल भारत।मनीष द्विवेदी.
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान का लक्ष्य है कि प्रदेश में 2024 तक हर गरीब के पास पक्का मकान होगा। लेकिन अधिकारियों की लापरवाही और भर्राशाही के कारण प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत मकानों के निर्माण की गति इतनी धीमी है कि गरीब आवास के लिए परेशान हो रहे हैं। गरीबों को आवास उपलब्ध कराने में कई जिलों की स्थिति काफी खराब है।
सरकारी रिकॉर्ड के अनुसार प्रदेश में प्रधानमंत्री आवास योजना ग्रामीण के अन्तर्गत प्रदेशभर में अब 30.37 लाख में करीब 25.60 लाख आवास पूर्ण हो चुके हैं और अब महज 4.76 लाख आवास ही अधूरे बचे हैं। वहीं पीएम आवास शहरी योजना में साढ़े पांच लाख आवास बन चुके हैं। गरीबों को आवास उपलब्ध कराने में सतना जिले की स्थिति काफी खराब है। यहां 31 हजार से अधिक आवास अटके हुए हैं। इधर, अपर आयुक्त नगरीय प्रशासन सुरेंद्र सिंह के अनुसार प्रदेश में 9 लाख शहरी आवास देने का लक्ष्य रखा गया है जिसमें 9.28 लाख आवास स्वीकृत किए जा चुके हैं। प्रदेश में अब तक 5.31 लाख आवास बन चुके हैं। पीएम आवास योजना ग्रामीण अंतर्गत वर्ष 2016 से वर्ष 2022 तक 30.37 लाख आवास उपलब्ध कराने का लक्ष्य रखा गया है। इसमें अब सिर्फ 4,76,032 आवास ही अधूरे हैं।
आवास नहीं मिलने की शिकायतें
प्रदेश के हर जरूरतमंद को वर्ष 2024 तक पक्का घर देना है। इस लक्ष्य को पूरा करने पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग तथा नगरीय प्रशासन विभाग ने अवास उपलब्ध कराने की गति बढ़ा दी है। बावजूद शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों में आवास नहीं मिलने की शिकायतें सामने आ रही हैं। अशोकनगर के बृजेश राय का कहना है कि नपा सीएमओ द्वारा संतोषजनक जवाब नहीं मिलता। उन्हें पहली किश्त की राशि मिली है। दूसरी किस्त के लिए दफ्तर के चक्कर लगा रहा हूं। सागर की अनीता सिंह को पिछले चार माह से नगर निगम में चक्कर लगाने पड़ रहे हैं। राजगढ़ जिले के कोलखेड़ा अन्तर्गत माचलपुर निवासी अर्जुन वर्मा बताते हैं कि आवास के लिए सचिव और सरपंच पांच हजार रुपए मांग रहे हैं। उसका नाम पीएम आवास के लिए वर्ष 2011 की सर्वे सूची में है फिर भी नहीं दिया जा रहा। दरअसल, कई जिलों में आवास अधूरे पड़े हैं। रीवा में 45,286, सतना में 31,072, दमोह में 23,296, सिवनी में 19,376, सागर में 18,742, शहडोल में 16,568, पन्ना में 14,659 आवासों के निर्माण की गति काफी धीमी है। इस साल 7,45, 116 आवास देने का टारगेट रखा गया है। इनमें 6,57,542 आवास राज्य सरकार ने वर्ष 2011 के सर्वे में नाम नहीं होने पर आवास प्लस में नाम जोडऩे सर्वे करया था । वर्ष 2018 में हुए सर्वे के दौरान दर्ज स्वीकृत हुए हैं।