डीटीई ने छात्रों का डाटा सेल्सफोर्स के प्लेटफॉर्म पर किया अपलोड.
भोपाल/मंगल भारत।मनीष द्विवेदी। वर्तमान समय में प्रदेश सरकार का पूरा फोकस रोजगार पर है। सरकार की कोशिश है कि अधिक से अधिक युवाओं को जल्द से जल्द रोजगार मुहैया कराया जाएगा। इसी कड़ी में प्रदेश में इंजीनियरिंग करने वाले छात्रों को नौकरी मुहैया कराने के लिए तकनीकी शिक्षा विभाग (डीटीई) ने थर्ड और फोर्थ ईयर के इन स्टूडेंट्स का डाटा एलिवेट के माध्यम से सेल्सफोर्स के प्लेटफॉर्म पर अपलोड किया है। इससे इंजीनियरिंग और पॉलिटेक्निक कॉलेजों में पढ़ने वाले करीब डेढ़ लाख स्टूडेंट्स को डिग्री मिलते ही नेशनल और मल्टीनेशनल कंपनियों से जॉब के आॅफर मिलना शुरू हो जाएंगे। गौरतलब है कि वर्तमान समय में इंजीनियरिंग में करियर बनाना युवाओं की पहली पसंद बन गया है। प्रदेश में हर साल हजारों छात्र इंजीनियरिंग की पढ़ाई करने के लिए एडमिशन लेते हैं। इन छात्रों की पढ़ाई पूरी होते ही इन्हें नौकरी मिल जाए इसके लिए प्रदेश सरकार ने बड़ी पहल की है। इसके लिए डीटीई ने थर्ड और फोर्थ ईयर के इन स्टूडेंट्स का डाटा एलिवेट के माध्यम से सेल्सफोर्स के प्लेटफॉर्म पर अपलोड किया है। इस प्लेटफॉर्म पर विभाग द्वारा संबंधित कंपनियों के सहयोग से नौकरी के लिए 10 स्तरों पर ट्रेनिंग दी जाएगी। चूंकि ट्रेनिंग, कंपनियों द्वारा ही कराई जाएगी, इसलिए स्टूडेंट्स को डिग्री के साथ ट्रेनिंग के सभी लेयर पास करने पर जॉब के चांसेस ज्यादा होंगे।
खुलने लगा नौकरियों का पिटारा
इधर प्रदेश में युवाओं को रोजगार देने के लिए सरकारी नौकरियों का पिटारा खुलने लगा है। सरकार आगामी आठ माह में एक लाख से ज्यादा युवाओं को नौकरी देने की तैयारी में है। राज्य सरकार लगातार युवाओं को रोजगार के बेहतर अवसर मुहैया कराने के लिए आवश्यक कदम उठाने का दावा करती आ रही है। एक लाख से ज्यादा युवाओं को रोजगार देने का सरकार ने लक्ष्य तय किया है। बताया गया है कि 15 अगस्त से शुरू हुए खाली पदों की पूर्ति के अभियान की कार्यवाही निरंतर 12 माह तक चलेगी। प्रदेश में एक लाख 12 हजार 724 सरकारी रिक्त पदों को भरने के लिए प्रक्रिया शुरू की गई है। नवंबर माह में तेजी से कार्य हुआ है। लगभग 60 हजार पदों को भरने के लिए आवश्यक प्रक्रिया का पालन किया जा रहा है। सभी विभाग इस कार्य में सक्रिय हैं। बताया गया है कि प्रथम श्रेणी के 1,271, द्वितीय श्रेणी के 20 हजार 728, तृतीय श्रेणी के 82 हजार 879 और चतुर्थ श्रेणी के 9091 पद खाली हैं। इन पदों की पूर्ति के लिए वित्त विभाग से अनुमति के बाद आवश्यक कार्यवाही की जा रही है। गत 15 अगस्त से 31 अक्टूबर तक 36 हजार 235 पद विज्ञापित किए गए हैं। नवंबर माह में 3 हजार 926 पद विज्ञप्ति जारी किए गए हैं। इस माह के अंत तक करीब 19 हजार पद विज्ञप्ति जारी होंगे। आठ विभागों में 1595 नियुक्तियां गत तीन माह में कर दी गई हैं। बीती तिमाही में जनजातीय कार्य विभाग में 722 और स्वास्थ्य विभाग में 852 नियुक्तियां की गई हैं। स्कूल शिक्षा विभाग में 15 हजार 196 और जनजातीय कार्य विभाग में 15 हजार 618 पद के लिए विज्ञप्ति जारी हुए हैं। सभी विभाग में लगातार नियुक्तियां हो रही हैं।
जॉब के लिए ट्रेनिंग महत्वपूर्ण
गौरतलब है कि कंपनियों में जॉब के लिए डिग्री ही पर्याप्त नहीं होती है। कंपनियों द्वारा प्राइवेट प्लेटफॉर्मोंं के माध्यम से स्टूडेंट्स को ट्रेनिंग दिलाई जाती है। यह ट्रेनिंग स्टूडेंट डिग्री पूरी करने के बाद ही कर सकते हैं। इसके लिए मोटी फीस देनी पड़ती है। अनट्रेंड स्टूडेंट को या तो नौकरी नहीं 9 मिलती या पैकेज कम हो जाता है। अब स्टूडेंट्स की पढ़ाई के साथ ट्रेनिंग भी हो जाएगी और फीस भी नहीं देनी होगी। डीटीई द्वारा प्रदेश के 142 इंजीनियरिंग और 132 पॉलीटेक्निक कॉलेजों के विद्यार्थियों को डिग्री और डिप्लोमा मिलने के बाद विभिन्न देशों में सवा करोड़ नौकरियों के आॅफर दिलाने की तैयारी है। सेल्सफोर्स को विद्यार्थियों को नौकरी के लिए ट्रेनिंग देने एलिवेट- 2022 में मप्र को शामिल किया गया है। डीटीई द्वारा यह कार्यक्रम दो स्तरों पर तैयार किया गया है।
स्टूडेंट्स को सेल्सफोर्स के साथ शुरूआत करनी होगी
डीटीई के अतिरिक्त संचालक एवं कार्यालय प्रमुख डॉ. मोहन सेन का कहना है कि तकनीकी शिक्षा विभाग ने स्टूडेंट्स को अधिक से अधिक प्लेसमेंट दिलाने के लिए पहल की है। सेल्सफोर्स के प्लेटफॉर्म पर स्टूडेंट्स को कंपनियों द्वारा फ्री ट्रेनिंग की सुविधा दी जा रही है। डिग्री के साथ ट्रेंड युवाओं को नौकरी के साथ अधिक पैकेज मिलेंगे। पहले राउंड में स्टूडेंट्स को सेल्सफोर्स के साथ शुरूआत करनी होगी। इसमें वेबिनार, ट्रेलहेड प्लेटफॉर्म के माध्यम से कौशल बैज दिया जाएगा। इसके बाद स्टूडेंट्स को बैज और पूर्णता प्रमाणपत्र दिया जाएगा। सेकंड राउंड में विद्यार्थी को वर्चुअल इंटर्नशिप प्रोग्राम में भाग लेना होगा। व्यवस्थापक और डेवलपर ट्रैक को 100 घंटे सीखना और उसका उपयोग करना होगा। यह नौकरी दिलाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा। जानकारी के अनुसार, वर्तमान में इंजीनियरिंग के थर्ड और फोर्थ ईयर के करीब एक लाख और पॉलिटेक्निक कॉलेजों के सेकंड और थर्ड ईयर के करीब 50 हजार स्टूडेंट्स का डाटा सेल्सफोर्स पर अपलोड कर दिया गया है। इनमें से करीब 10 हजार स्टूडेंट्स ट्रेनिंग के लिए रजिस्टर्ड भी हो गए हैं। इनको 10 लेयर में ट्रेनिंग दी जाएगी। विद्यार्थियों को प्रत्येक लेयर में एक बैज मिलेगा। उनको जितने बैज हासिल होंगे, स्केल और बेहतर होता चला जाएगा।