किसानों को चुनावी… सौगात देने की तैयारी

अन्नदाता का ब्याज होगा माफ !

भोपाल/मंगल भारत।मनीष द्विवेदी। चुनावी साल में ऋणी किसानों को प्रदेश सरकार ब्याज माफी की सौगात दे सकती है। जानकारी के अनुसार सरकार उन किसानों के ब्याज का भुगतान स्वयं करेगी जिन्हें बैंक ने डिफाल्टर घोषित कर दिया है। इससे ऐसे ऋणी के किसानों को सबसे बड़ा फायदा ये होगा कि वे जल्दी ऋण मुक्त होकर दोबारा बैंक से कर्ज ले सकेंगे। जैसा कि किसानों को खेती-किसानी के कई कामों के लिए बैंक से ऋण लेना पड़ता है। कई बार प्राकृतिक आपदा से किसानों की फसल को नुकसान हो जाता है। इसके कारण वे ऋण चुकाने में असमर्थ होते हैं। ऐसे में बैंक उन किसानों को डिफाल्टर घोषित कर देता है जिससे वे आगे नया लोन नहीं ले पाते हैं। इन किसानों की परेशानी को ध्यान में रखते हुए सरकार की ओर से बैंक द्वारा डिफाल्टर किए गए किसानों के ऋण पर ब्याज की रकम चुकाने की घोषणा की गई है। इससे लाखों किसानों को लाभ होगा।
सूत्रों का कहना है की चुनावी साल में किसानों को उम्मीद है कि भाजपा सरकार फसल ऋण माफी कर देगी, क्योंकि सीएम शिवराज सिंह किसानों के हित में ब्याज माफी की घोषणा कर चुके हैं। मुख्यमंत्री ने किसानों के हित में कई घोषणाएं की हैं। इसमें डिफाल्टर किसानों की ब्याज राशि की प्रतिपूर्ति करने की बात भी कही गई हैं। किसानों की जो भी जायज समस्याएं हैं, उन्हें दूर किया जाएगा। उन्होंने कहा कि किसानों की राजस्व और विद्युत देयक संबंधी समस्याओं के निवारण के लिए शिविर लगाये जाएंगे। राज्य सरकार डिफाल्टर किसानों की ब्याज राशि की प्रतिपूर्ति करेगी। बता दें कि प्रारंभ में किसान संगठन की ओर से मुख्यमंत्री को सुझाव-पत्र दिया गया था। उधर, प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कमलनाथ भी लगातार कह रहे हैं कि कांग्रेस की सरकार बनने पर पूर्व की तरह किसान कर्जमाफी होगी। विधानसभा चुनाव को देखते हुए ज्यादातर जिलों के किसानों ने कर्ज चुकाना बंद कर दिया है।
नौ हजार करोड़ का आएगा भार
सरकार कर्ज माफी करती है तो उसे मूल धन और ब्याज मिलाकर 24 हजार करोड़ रुपए बैंकों को देने पड़ेंगे। सिर्फ ब्याज माफ करती है तो करीब 9 हजार करोड़ चुकाने होंगे। प्रदेश में लगभग 11 लाख डिफॉल्टर किसान हैं। इनके अलावा 16 लाख अन्य किसानों पर सहकारी बैकों का कर्ज है। दोनों को मिलाकर 24 हजार करोड़ का कर्ज है। समितियों से नियमित रूप से 30 लाख किसान फसल ऋण लेते हैं। सरकार संशय में है कि किसानों का ब्याज वर्ष 2018 से चुकाया जाए या 2020 से, जब से भाजपा सरकार आई है या फिर 2008 से लेकर अब तक का चुकाया जाए। इसे लेकर सरकार ने मंथन तेज कर दिया है। बताया जाता है कि सरकार अगर 2018 के बाद से ब्याज माफ करती है तो करीब 500 करोड़ का आर्थिक भार आएगा। उधर, कर्ज माफी की आस में सतना, रीवा, सागर, छतरपुर, शिवपुरी, गुना, ग्वालियर, सिवनी आदि जिला सहकारी बैंकों में वसूली काफी कम हो गई है। प्रदेश में सरकारें अलग-अलग समय में कर्ज तीन बार माफ कर चुकी हैं। 2018 में, 2008 में। इससे पहले 1990 में कर्ज माफी योजना चलाई गई थी। अगले वर्ष विधानसभा चुनाव को देखते हुए किसान उम्मीद कर रहे हैं कि फिर कर्ज माफी होगी। तत्कालीन कांग्रेस सरकार ने 2018 में कर्जमाफी की थी। हालांकि एक लाख से ऊपर के लाखों कर्जदार किसानों का अभी तक कर्ज माफ नहीं हुआ है। इस संबंध में भाजपा सरकार ने कोई निर्णय नहीं लिया है। सरकार ने यह तय नहीं किया है कि ऋण माफी योजना चलेगी या बंद कर दी गई है। सरकार आंकड़ा नहीं जुटा पाई है कि कितने किसान कर्जदार और कितनों का कर्ज माफ हुआ है।
किसानों को मिलेंगी कई और सौगातें
चुनावी साल में किसानों को कई अन्य सौगातें भी मिलेंगी। प्रधानमंत्री सम्मान किसान निधि और मुख्यमंत्री किसान-कल्याण योजना में उन किसानों के नाम भी जोड़े जाएंगे जो पात्र होते हुए भी किसी वजह से नाम नहीं जुड़वा सके। प्रदेश के अनेक किसान सम्मान निधि के पात्र हैं। यदि किसी कारणवश सूची में पात्र किसानों के नाम दर्ज नहीं हो सके हैं, तो उन्हें दर्ज कर 10 हजार रुपए की वार्षिक सहायता राशि प्रदान करने का कार्य किया जाएगा। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने ऋण ब्याज माफी सहित किसानों के हित में कई कल्याणाकारी घोषणाएं की है, जिनमें प्रमुख घोषणाएं इस प्रकार से हैं- राज्य के किसानों को सिंचाई की सुविधा के लिए नहरों की मरम्मत का कार्य होगा। मंडियों में किसानों के हित में अत्याधुनिक उपकरण स्थापित करने के साथ ही बड़े तौल कांटे लगाए जाएंगे।
राजस्व भूमि पर वर्षों से कृषि कार्य करते आ रहे किसानों के लिए पात्रतानुसार आवश्यक पट्टे प्रदान किए जाएंगे। विभिन्न योजनाओं के लिए सरकार द्वारा किसान की जमीन लिए जाने के फलस्वरूप नामांतरण की व्यवस्था सुनिश्चित की जाएगी। किसान की सहमति से ही उसकी भूमिका का अधिग्रहण होगा। गन्ना किसानों का बकाया, मिल मालिकों से चर्चा कर वापस करवाने का कार्य किया जाएगा। जले ट्रांसफार्मर शीघ्र से शीघ्र बदलवाने का कार्य किया जाएगा। किसान पम्प योजना की अनुदान राशि प्रदान की जाएगी।
सरकार की ब्याज माफी योजना
मप्र सरकार की ओर से ब्याज माफी योजना शुरू की जा रही है। इसके तहत समय पर कर्ज नहीं चुकाने के कारण बैंक से डिफाल्टर हुए 14 लाख 57 हजार किसानों को सरकार ब्याज माफी का लाभ प्रदान करेगी। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की घोषणा के बाद सहकारिता विभाग वन टाइम सेटलमेंट योजना तैयार कर रहा है। इस प्रस्ताव के मुताबिक किसान के मूलधन चुकाने पर उसका ब्याज माफ कर दिया जाएगा। योजना में 30 मार्च 2018 के पहले के कर्जदार किसानों को इसमें शामिल किया जाएगा। जानकारी के अनुसार इसके लिए प्रदेश सरकार ने तय किया है वह प्रदेश के सभी जिलों में समाधान योजना शुरू करेगी। इसमें अगर किसान शामिल होते हैं और लिए गए ऋण का मूलधन जमा करते हैं तो अब तक का पूरा का पूरा ब्याज माफ किया जाएगा। उसे केवल मूलधन ही जमा करना होगा।