शिव गणों को उनके ही घर में घेरेगी नाथ की टीम

श्रीमंत समर्थकों पर रहेगा खास फोकस.

भोपाल/मंगल भारत।मनीष द्विवेदी। करीब ढाई साल पहले जिन कांग्रेस विधायकों व मंत्रियों की वजह से कमलनाथ को अपनी सरकार गंवानी पड़ी थी, वे अब अगले साल होने वाले विधानसभा चुनाव में कांग्रेस के निशाने पर रहने वाले हैं। अपनी सरकार गिरने की टीस अब भी कमलनाथ के मन में बनी हुई है। यही वजह है कि अब उनके द्वारा श्रीमंत समर्थकों को उनके ही घर में घेरने की रणनीति तैयार की गई है। इसके अलावा भाजपा के भी कई दिग्गज मंत्रियों को भी उनकी विधानसभा क्षेत्र से बाहर न निकलने देने की रणनीति तैयार की गई है। यह वे मंत्री हैं, जो ऑपरेशन लोटस में किसी न किसी तरह से सक्रिय भूमिका में रह चुके हैं। इस रणनीति के तहत कांग्रेस भाजपा नेताओं के इलाकों में अभी से सक्रियता बढ़ाने की तैयारी कर रही है। जिन मंत्रियों को घेरने की रणनीति बनाई गई है , उनकी सूची तैयार कर ली गई है। खास बात यह है कि इन मंत्रियों के इलाके में घेराबंदी का काम स्थानीय नेताओं के अलावा पार्टी के दिग्गज नेता भी करेंगे। इसके लिए समय-समय पर पार्टी के सभी बड़े नेता दौरे करेंगे। इस बहाने कमलनाथ प्रदेशभर में पार्टी नेताओं के बीच एकता का संदेश भी पहुंचाने का भी काम करेंगे। पार्टी की तरफ से ऐसे विधानसभा क्षेत्रों में जिन नेताओं के दौरे कराने की तैयारी की जा रही है, उनमें स्वयं कमलनाथ के अलावा पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह, अरुण यादव, सुरेश पचौरी, डा. गोविंद सिंह और अजय सिंह के नाम प्रमुख रूप से शामिल है। इसकी शुरूआत कार्यकर्ता सम्मेलनों से की जाएगी। इन सम्मेलनों के माध्यम से पार्टी अपने कार्यकर्ताओं को सक्रिय किरने का काम करेगी। यही नहीं कांग्रेसी कार्यकर्ताओं को राहत देने के लिए अब पार्टी ने कानूनी मदद दिलाने की भी योजना बनाई है। इसकी शुरूआत सागर जिले से स्वयं दिग्विजय सिंह करने जा रहे हैं। यह कदम पार्टी द्वारा अपने कार्यकर्ताओं का मनोबल बनाए रखने के लिए उठाया जा रहा है। कमलनाथ द्वारा विधानसभा चुनाव के लिए वरिष्ठ नेताओं के साथ बैठक कर कार्ययोजना बनाई जा चुकी है। इसके तहत हर विभाग के अलग-अलग आरोप पत्र जारी करने और घर-घर पर्चे बांटने की रणनीति बनाई गई है। इसमें संबंधित मंत्रियों के विभागों की असफलताओं का विशेष रूप से उल्लेख किया जाएगा। यही नहीं जिलेवार पत्रकारवार्ताएं भी आयोजित करने की कार्ययोजना तैयार की गई है। इसमें देश व प्रदेश के मुद्दों के अलावा स्थानीय मुद्दों को प्राथमिकता से उठाया जाएगा।

इन जिलों में कानूनी लड़ाई की तैयारी
पार्टी के मुताबिक दतिया और सागर जिले में कांग्रेस कार्यकर्ताओं को प्रताड़ित किए जाने की सर्वाधिक शिकायतें भी हैं। पुलिस पर दबाव डालकर कांग्रेस कार्यकर्ताओं पर झूठे मामले भी बनवाए गए हैं। इनसे निपटने के लिए पार्टी ने मैदानी और कानूनी लड़ाई लड़ने की तैयारी कर ली है। इसका जिम्मा पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने संभाला है। वे इसके लिए आज कानूनविदों के साथ सागर के दौरे पर है। इसमें भी वे खासतौर पर खुरई विधानसभा क्षेत्र में कार्यकर्ताओं पर किए जा रहे अत्याचार की घटनाओं से संबंधित तथ्य जुटाकर उन्हें अपने साथ आए वकीलों से कानूनी जानकारी दिलवा रहे हैं। इसके बाद उनका दतिया जाने का भी कार्यक्रम है।

यह मंत्री रहेंगे निशाने पर
कांग्रेस द्वारा जो सूची तैयार की गई है उसमें डा.नरोत्तम मिश्रा, गोपाल भार्गव, भूपेंद्र सिंह, कमल पटेल, विश्वास सारंग, गोविंद सिंह राजपूत, तुलसीराम सिलावट, डा. प्रभुराम चौधरी, प्रद्युम्न सिंह तोमर, महेन्द्र सिंह सिसोदिया, सहित वे तमाम मंत्री भी हैं जो ज्योतिरादित्य सिंधिया के साथ दलबदलकर भाजपा में चले गए थे। इन मंत्रियों के इलाकों में कांग्रेस के बड़े नेता चुनाव से पहले से अधिक से अधिक दौरे कर कार्यकर्ताओं में उत्साह भरकर आमजन को उनकी नाकामियों को बताने का काम करेंगे। पार्टी ने तय किया है कि इन मंत्रियों के क्षेत्रों में बड़े कार्यकर्ता सम्मेलन किए जाएंगे और मतदान केंद्र पर सभी सहयोगी संगठनों की टीम तैनात की जाएगी।

किए जा रहे आरोप पत्र तैयार
इस घेराबंदी के लिए तैयार किए जाने वाले आरोप पत्रों का जिम्मा पूर्व विधायक पारस सकलेचा को सौंपा गया है। बताया जाता है कि उनके द्वारा इसका काम भी शुरू कर दिया गया है। उन्होंने कुछ विभागों से जुड़ी प्रमाणिक जानकारी भी हासिल कर ली हैं। आरोप पत्रों को संबधित मंत्रियों के इलाकों में सार्वजनिक कार्यक्रमों में जारी किया जाएगा। इसके पीछे पार्टी के रणनीतिकारों की मंशा है कि नेताओं को उन्हीं के क्षेत्र में घेरा जाए ,जिससे वे बाहर समय कम दे पाएंगे और प्रशासनिक अधिकारियों के बीच यह संदेश भी जाएगा कि उन पर भी कांग्रेस की नजर है और पक्षपात करने का नुकसान कांग्रेस की सत्ता आने पर उन्हें उठाना पड़ेगा। वहीं, कार्यकर्ताओं को भी यह भरोसा हो जाए कि सभी वरिष्ठ नेता उनके साथ खड़े हैं और किसी से डरने की जरूरत नहीं।