विजयराघवगढ़ में जुटेंगे देश भर के संत महात्मा

स्वामी अवधेशानंद, श्री श्री रविशंकर, साध्वी रितंभरा, अखाड़ा परिषद व महामंडलेश्वर भी होंगे शामिल.

भोपाल/मंगल भारत। माइनिंग जिले के रूप में पहचाने जाने वाला मध्य प्रदेश का कटनी जिला अब धार्मिक गतिविधियों के साथ ही नए आस्था के केन्द्र के रुप में भी अपनी पहचान बनाने जा रहा है। इसकी वजह है जिले का विजय राघवगढ़, जहां पर सिंहस्थ कुंभ के पहले ही कुंभ लगाने की तैयारी की जा रही है। यहां पर श्री हरिहर तीर्थ स्थल पर भगवान परशुराम की विशाल मूर्ति स्थापना के लिए भूमिपूजन होने जा रहा है। इस आयोजन में देश भर के तमाम बड़े साधु संतों को बुलाया जा रहा है। यहां पर 12 जून को होने होने वाले इस आयोजन में भगवान परशुराम की 108 फीट ऊंची विशालकाय प्रतिमा की आधारशिला रखी जाएगी। कार्यक्रम में सीएम शिवराज सिंह चौहान, स्वामी अवधेशानंद गिरी , श्री श्री रविशंकर, साध्वी रितंभरा, स्वामी कैलाशानंद, सतुआ बाबा सहित अखाड़ा परिषद के महामंडलेश्वर भी मौजूद रहेंगे।इस दौरान साधु- संतों के द्वारा धर्म सभा की जाएगी। यहां पर होने वाले पांच दिवसीय कार्यक्रम में प्रतिदिन विभिन्न अखाड़ों के संतों द्वारा प्रवचन भी दिए जाएंगे। इस दौरान पांच दिवसीय राम कथा का भी आयोजन किया जा रहा है। यह कथा रामभद्राचार्य जी द्वारा की जाएगी। इस दौरान फिल्म अभिनेता आशुतोष राणा भी उपस्थित रहेंगे।
श्री हरिहर तीर्थ स्थल का भी होगा निर्माण
राजा पहाड़ के नाम से प्रचलित महानदी और कटनी नदी के संगम तट श्री हरिहर तीर्थ स्थल निर्माण की भी योजना है। यहां भगवान परशुराम की मूर्ति के अलावा अन्य कई देवी- देवताओं के मंदिर का निर्माण होगा। इससे धर्म नगरी को नई पहचान मिलेगी।
अष्टधातु से बनेगी प्रतिमा
श्री हरिहर तीर्थ स्थल पर भगवान परशुराम की 108 फीट ऊंची स्थापित होने वाली मूर्ति के निर्माण में आठ धातुओं का प्रयोग किया जाएगा। इसकी स्थापना में वास्तु शास्त्र का विशेष ध्यान रखा जाएगा। इस विशाल प्रतिमा के निर्माण में करीब डेढ़ साल का समय लगेगा । विजय राघवगढ़ को धार्मिक नगरी के रूप में विकसित किया जा रहा है। यही वजह है कि यहां पर अयोध्या में बन रहे राम मंदिर की तरह मंदिर निर्माण का भी प्रस्ताव है।
विश्व की सबसे ऊंची मूर्ति
विधायक संजय पाठक के मुताबिक यहां स्थापित होने वाली भगवान परशुराम की मूर्ति विश्व की सबसे ऊंची मूर्ति होगी। जो कि पूरे देशवासियों के लिए आकर्षण का केंद्र होगी। हरिहर तीर्थ क्षेत्र में अयोध्या में बन रहे राम मंदिर का छोटा स्वरूप, नवदुर्गा, बारह ज्योतिर्लिंग, भारत माता का मंदिर, माता, निषादराज, हनुमान जी के साथ भगवान श्री कृष्ण जी के विराट स्वरूप की प्रतिमा भी स्थापित की जाएगी।