मोहन सरकार दे सकती है कर्मचारियों को डीए की सौगात

आठ माह का इंतजार होगा समाप्त…

मंगल भारत। मनीष द्विवेदी। लोकसभा चुनाव की आचार संहिता लगने से पहले डां. मोहन यादव की सरकार कर्मचारियों को खुश करने के लिए लंबित चार फीसदी डीए दे सकती है। इसके लिए सरकार द्वारा लगभग तैयारी पूरी कर ली गई है। दरअसल प्रदेश के सात सात लाख से अधिक अधिकारी-कर्मचारियों को बीते आठ माह से डीए की नई किस्त मिलने का इंतजार है। इसमें होने वाली देरी की वजह से प्रदेश के कर्मचारी केन्द्र के कर्मचारियों से पीछे चल रहे हैं, जिसकी वजह से हर माह उन्हें आठ हजार से लेकर छह हजार रुपए का आर्थिक नुकसान उठाना पड़ रहा है। कर्मचारियों द्वारा विधानसभा चुनाव से पहले डीए मिलने की उम्मीद लगाई जा रही थी , लेकिन तत्कालीन शिवराज सरकार ने उन्हें निराश ही किया। यह जरुर है कि डीए देने से बचने के लिए सरकार ने कर्मचारियों के दबाव में चुनावी आचार संहिता के दौरान जरूर राज्य के कर्मचारियों का महंगाई भत्ता 42 से बढ़ाकर 46 प्रतिशत करने का प्रस्ताव चुनाव आयोग को भेजा था, लेकिन तब मतदान के प्रभावित होने की संभावना के चलते आयोग ने अनुमति नहीं दी थी। इसके बाद से ही यह मामला ठंडे बस्ते में पड़ा हुआ था। अब सरकार स्तर पर डीए में वृद्धि करने को लेकर हलचल शुरू हो चुकी है। इसके बाद भी अब तक जिस तरह से पूर्व की शिवराज सरकार का रुख रहा है, उसकी वजह से कर्मचारियों को आशंका है कि यदि इस पखवाड़े में डीए देने के आदेश जारी नहीं होते हैं तो एक फिर मामला जून तक के लिए अटक जाएगा। इसकी वजह है लोकसभा चुनाव के चलते लगने वाली आचार संहिता। उधर, सरकार भी लोकसभा चुनाव के चलते डीए देने की मंशा रखती है, लेकिन खजाने की माली हालत खराब होने की वजह से राशि की व्यवस्था करना मुसीबत बनी हुई है। इसके बाद भी मोहन सरकार डीए में वृद्धि करने की तैयारी कर रही है।
8 माह से महंगाई भत्ता राहत का इंतजार
लाड़ली बहनों के खाते में समय से करीब 9 दिन पहले राशि डालवाकर सरकार जहां सवा करोड़ लाड़ली बहनों को त्योहार पूर्व सौगात देने जा रही है। वहीं बजट में प्रावधान के बाद भी कर्मचारियों को लगातार निराश होना पड़ रहा है। बीते 8 महीने से महंगाई भत्ते का इंतजार कर रहे कर्मचारियों का इंतजार समाप्त होने का नाम ही नहीं ले रहा है। तृतीय वर्ग कर्मचारी संघ के प्रदेश सचिव उमाशंकर तिवारी ने सरकार पर कर्मचारियों को मिलने वाले लाभ समय पर न देकर अन्य योजनाओं में पैसा खर्च करने का आरोप भी लगाया है। फिलहाल डीए वृद्धि में हो रहे लंबे इंतजार की वजह से कर्मचारियों में खुलकर असंतोष देखा जा सकता है। यही वजह है कि अब सरकार डीए वृद्धि का पूरा मन बना चुकी है।
बढ़ जाएगा अंतर
केन्द्र सरकार द्वारा जल्द ही केन्द्रीय कर्मचारियों के डीए में चार फीसदी की वृद्धि की जा सकती है। इसके लिए केन्द्र सरकार द्वारा तैयरियां की जा रही हैं। माना जा रहा है कि लोकसभा चुनाव की तारीखों की घोषणा के पहले डीए में वृद्धि का एलान कर दिया जाएगा। अगर ऐसा होता है तो केन्द्रीय कर्मचारियों का डीए 46 से बढक़र 50 फीसदी हो जाएगा, जिसकी वजह से प्रदेश व केन्द्र के कर्मचारियों के बीच डीए का अंतर बढक़र आठ फीसदी हो सकता है।
केन्द्र बीते साल जुलाई में दे चुका है राहत
केंद्र सरकार बीते साल जुलाई से अपने कर्मचारियों और पेंशनरों को 46 प्रतिशत के हिसाब से महंगाई भत्ता व राहत दे रही है। सामान्यत: जब भी केंद्र सरकार महंगाई भत्ते में वृद्धि करती है , तो मध्य प्रदेश सरकार भी इसका लाभ अपने कर्मचारियों और पेंशनरों को देती है, लेकिन इस बार मामला लंबा अटक गया। विधानसभा चुनाव के मतदान से पहले तत्कालीन शिवराज सरकार ने चुनाव आयोग को महंगाई भत्ते व राहत में वृद्धि का प्रस्ताव भेजा था, जिसे अनुमति नहीं मिली। आचार संहिता के कारण मामला ठंडे बस्ते में चला गया। हालांकि, इस बीच सरकार ने आइएएस, आइपीएस और आइएफएस अधिकारियों का चार प्रतिशत महंगाई भत्ता जुलाई 2023 से बढ़ा दिया। राज्य के कर्मचारी और पेंशनर भी मांग कर रहे हैं कि अखिल भारतीय सेवा के अधिकारियों की तरह उनका भी महंगाई भत्ता और राहत बढ़ाया जाए। सूत्रों का कहना है कि वित्त विभाग भी इसके लिए सभी तैयारी कर चुका है और सरकार के स्तर से निर्णय की प्रतीक्षा है।