पहलगाम पर पोस्ट को लेकर नेहा सिंह राठौर के ख़िलाफ़ राजद्रोह का केस, वे बोलीं- नई बात नहीं

लोक गायिका नेहा सिंह राठौर के खिलाफ लखनऊ में एफआईआर दर्ज की गई है, जिसमें ‘राजद्रोह’ समेत अन्य धाराएं लगाई गई हैं. आरोप है कि उन्होंने पहलगाम आतंकी हमले के बाद सोशल मीडिया पर भड़काऊ पोस्ट डाले, जो देश की एकता को नुकसान पहुंचा सकते हैं.

आरा: उत्तर प्रदेश की लोक गायिका नेहा सिंह राठौर के खिलाफ लखनऊ के हजरतगंज थाने में ‘राजद्रोह’ समेत विभिन्न धाराओं में एफआईआर दर्ज हुई है. आरोप है कि पहलगाम आतंकी हमले के बाद उन्होंने सोशल मीडिया पर ‘भड़काऊ’ पोस्ट डाले, जो देश की एकता को नुकसान पहुंचा सकती हैं.

27 अप्रैल की रात करीब साढ़े आठ बजे लखनऊ निवासी अभय प्रताप सिंह द्वारा दर्ज कराई गई एफआईआर में चार सोशल मीडिया पोस्ट का उल्लेख किया गया है. तीन पोस्ट नेहा सिंह राठौर के हैं, जिसमें वह मोदी सरकार से सवाल कर रही हैं.

चौथा पोस्ट ‘पीटीआई प्रमोशन’ नामक एक एक्स हैंडल का है, जिसमें नेहा का एक वीडियो शेयर करते हुए लिखा है, ‘इस देशभक्त भारतीय लड़की ने पहलगाम हमले पर मोदी जी को आईना दिखाया, तो पूरा गोदी मीडिया पागल हो गया और इस लड़की को देशद्रोही कहकर जान से मारने की धमकियां देने लगा. इस लड़की ने तो सिर्फ सवाल पूछे हैं, हिम्मत है तो मर्द बनकर उसके सवालों का जवाब दो.’

इस पूरे मामले को लेकर नेहा सिंह राठौर ने द वायर हिंदी से कहा, ‘यह कोई नई बात नहीं है. इससे पहले भी कानपुर और मध्य प्रदेश के सीधी में मामले दर्ज किए गए थे. सीधी में एक युवक ने शराब के नशे में आदिवासी व्यक्ति पर पेशाब कर दिया था. जिसका वीडियो भी वायरल हुआ था. तब मैंने एक गीत गाया था. उसके बाद एफआईआर हुई थी. वह मामला अभी सुप्रीम कोर्ट में विचाराधीन है. कानपुर से भी एक नोटिस आया था. उसका जवाब दिया जा चुका है.’

उन्होंने आगे बताया, ‘घर पर लोग चिंतित जरूर हैं. फिर भी पिताजी ने कहा कि आगे जो होगा, देख लिया जाएगा. घबराने की कोई आवश्यकता नहीं है.’ नेहा अग्रिम जमानत के लिए कानूनी सलाह ले रही हैं.

नेहा सिंह राठौर के खिलाफ दर्ज एफआईआर के संबंध में अधिक जानकारी के लिए जब द वायर हिंदी ने हजरतगंज थाना प्रभारी विक्रम सिंह से संपर्क किया तो जवाब मिला कि ‘प्राथमिकी दर्ज कराने वाले से साक्ष्य मांगा गया है. साक्ष्य उपलब्ध होने के बाद ही आगे की कार्रवाई की जाएगी.’
एफआईआर के अनुसार, नेहा सिंह राठौर के खिलाफ कुल 11 धाराएं लगाई गई हैं, जिनमें से 10 भारतीय न्याय संहिता (बीएनएस), 2023 की हैं और एक सूचना प्रौद्योगिकी (संशोधन) अधिनियम, 2008 की धारा 69A है.

बीएनएस में सीधे तौर पर राजद्रोह (जो पहले भारतीय दंड संहिता की धारा 124A में था) का जिक्र नहीं है, लेकिन नई आपराधिक संहिता में देश की संप्रभुता, एकता और अखंडता को खतरे में डालने से जुड़े अपराधों को धारा 152 के तहत शामिल किया गया है. ऐसे में यह कहा जा सकता है कि राठौर के खिलाफ राजद्रोह के तहत भी मामला दर्ज हो गया है.

द वायर हिंदी ने शिकायतकर्ता अभय प्रताप सिंह से भी संपर्क किया और जानना चाहा कि सरकार की आलोचना करने वालों के खिलाफ एफआईआर दर्ज करवाना कितना सही है?

उन्होंने कहा, ‘पहलगाम हमले के बाद जब विपक्षी दलों ने भी एकजुटता दिखाई, तब नेहा सिंह राठौर को नहीं बोलना चाहिए था. मामला जब शांत होता तब वह बोलती.’

खुद को कवि बताने वाले अभय प्रताप सिंह ने आगे कहा, ‘वे (नेहा सिंह राठौर) हमेशा दो लोगों (नरेंद्र मोदी और आदित्यनाथ) को टार्गेट कर टीआरपी लेती है. कभी बंगाल और तमिलनाडु के बारे में कुछ नहीं बोलती.’
सोशल मीडिया की सरहद नहीं होती’

राठौर के खिलाफ की गई शिकायत में उनके बयानों को ‘देश विरोधी’ बताते हुए लिखा गया है, ‘नेहा सिंह राठौर के ये सभी भारत विरोधी बयान लगातार पाकिस्तान में खूब वायरल हो रहे हैं. पाकिस्तान में नेहा सिंह राठौर की प्रशंसा हो रही है. नेहा सिंह राठौर के सभी देश विरोधी बयान पाकिस्तान की मीडिया में भारत के खिलाफ प्रयोग किए जा रहे हैं और हमारे दुश्मन देश द्वारा भारत पर प्रश्न चिह्न लगाए जा रहे हैं.’

शिकायत के इस हिस्से पर नेहा के पति हिमांशु सिंह ने द वायर हिंदी से कहा, ‘सोशल मीडिया की सरहद नहीं होती. … अगर हम अपने घर के अभिभावक से सवाल पूछते हैं, तो इसका मतलब यह नहीं है कि हम अपने घर के ख़िलाफ़ हैं. सरकार से सवाल पूछना और देश के ख़िलाफ़ बोलना दोनों अलग-अलग चीजें हैं. सरकार देश नहीं है.’

दर्ज एफआईआर को आवाज उठाने वालों के खिलाफ सरकार का अस्त्र बताते हुए हिमांशु ने कहा, ‘असल में नेहा जिस तरह से सवाल उठाती हैं, उससे सरकार असहज हो जाती है. नेहा उन सवालों को उठाती हैं, जिसे मीडिया उठा नहीं रहा है. इनकी आवाज़ को दबाने के लिए एफआईआर किया गया है. इसके अतिरिक्त यह भी प्रयास किया जा रहा है कि जो और लोग आवाज़ उठा रहे हैं, उन्हें भी डरा दिया जाए. सरकार के पास यही अस्त्र है, जवाब तो है नहीं.’

कौन हैं नेहा सिंह राठौर?

कोरोना महामारी के दौर में नेहा सिंह राठौर अपने सरल और सटीक गायन से लोकप्रिय हुई थी. जब देश-दुनिया में यातायात पर प्रतिबंध लगा दिए गए थे. लोग पैदल अपने गांव-घर की ओर लौट रहे थे. विभिन्न दुर्घटनाओं और हादसों का शिकार हो रहे थे. तब नेहा सिंह ने एक गीत गाया, ‘कारखाना बंद हो गइले हमार पिया घरे ना अइले हो. दिल्ली शहरिया में पिया के नौकरियां, भोरे ले सांझ होई गइले हमार पिया घरे ना अइले हो…’

इसके अलावा वह इलाहाबाद विश्वविद्यालय में छात्रों के आंदोलन पर भी गीत गाकर उनकी आवाज़ बनी थीं.