नई दिल्ली : असम के एनआरसी मुद्दे पर मच सियासी घमासान पर गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने शुक्रवार को संसद में जानकारी दी कि एनआरसी प्रक्रिया पूरी तरह से पारदर्शी है. उन्होंने साफ किया कि इस मामले में जो लोग छूट गए हैं उनके खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की जाएगी. उन्होंने कहा कि यह 40 लाख परिवार नहीं हैं, बल्कि ये व्यक्ति हैं. उन्होंने साफ किया कि एनआरसी में कोई भेदभाव ना तो हुआ है और ना ही किया जाएगा.
Procedure of #NRC started in 1985 through the Assam accord when the late Rajiv Gandhi ji was the PM. The decision to update was taken by Dr.Manmohan Singh ji in 2005: HM Rajnath Singh in Rajya Sabha #NRCAssampic.twitter.com/EJRg367Ey4
— ANI (@ANI) August 3, 2018
गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि एनआरसी की प्रक्रिया 1985 में असम समझौते के जरिये तत्कालीन प्रधानमंत्री राजीव गांधी के समय में शुरू हुई थी. इसको अपडेट करने का निर्णय 2005 में तत्कालीन प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने लिया था.
Whole procedure of #NRCAssam was undertaken under supervision of Supreme Court. I would like to repeat that its a draft and not final, everyone will get chance to appeal. Its a totally fair process. Unwarranted accusations are unfortunate: HM Rajnath Singh in Rajya Sabha
— ANI (@ANI) August 3, 2018