पहलगाम आतंकी हमले में मारे गए भारतीय नौसेना के लेफ्टिनेंट विनय नरवाल की पत्नी हिमांशी ने नरवाल के जन्मदिन पर आयोजित एक कार्यक्रम में कहा कि किसी के प्रति कोई नफ़रत नहीं होनी चाहिए. हम नहीं चाहते कि लोग मुसलमानों और कश्मीरियों के पीछे पड़ें. हम सिर्फ़ शांति चाहते हैं.
नई दिल्ली: पहलगाम आतंकी हमले में जान गंवाने वाले भारतीय नौसेना के लेफ्टिनेंट विनय नरवाल के 27वें जन्मदिन पर उनकी पत्नी हिमांशी नरवाल ने गुरुवार को शांति और एकता की अपील की. विनय नरवाल उन 26 लोगों में शामिल थे, जिन्हें 22 अप्रैल को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम के पास बैसरन में आतंकवादियों ने मार डाला था.
इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक, हिमांशी नरवाल ने लोगों से मुसलमानों और कश्मीरियों के पीछे न पड़ने का आग्रह करते हुए अपने पति लेफ्टिनेंट विनय नरवाल के लिए न्याय पर जोर देते हुए शांति के लिए प्रार्थना की.
हिमांशी ने कहा, ‘हम नहीं चाहते कि लोग मुसलमानों और कश्मीरियों के पीछे पड़ें. हम शांति चाहते हैं और सिर्फ़ शांति. बेशक, हम न्याय चाहते हैं. जिन लोगों ने उसके साथ गलत किया है, उन्हें सज़ा मिलनी चाहिए.’
उन्होंने कहा, ‘मैं बस इतना चाहती हूं कि पूरा देश उनके (विनय) लिए प्रार्थना करे कि वह जहां भी हों, शांति से रहें. यही एकमात्र चीज है जो मैं चाहती हूं.’
उन्होंने आगे जोड़ा, ‘एक और चीज है जो मैं कहना चाहती हूं. किसी के प्रति कोई नफरत नहीं होनी चाहिए. मैं देख रही हूं कि लोग मुसलमानों या कश्मीरियों के प्रति नफरत फैला रहे हैं. हम ऐसा नहीं चाहते. हम शांति और सिर्फ शांति चाहते हैं.’
बता दें कि 22 अप्रैल को हुए आतंकी हमले से ठीक एक हफ़्ते पहले हिमांशी की शादी लेफ्टिनेंट नरवाल से हुई थी. हिमांशी और नरवाल पहलगाम में अपने हनीमून पर थे, जब आतंकवादियों ने नौसेना अधिकारी को बिल्कुल नजदीक से गोली मार दी.
हिमांशी हरियाणा के करनाल में आयोजित रक्तदान शिविर से पहले बोल रही थीं, जो विनय नरवाल की 27वीं जयंती के अवसर पर हरियाणा के करनाल में आयोजित किया गया था.
शिविर का आयोजन करनाल स्थित गैर सरकारी संगठन नेशनल इंटीग्रेटेड फोरम ऑफ आर्टिस्ट्स एंड एक्टिविस्ट्स द्वारा किया गया था. इस अवसर पर विभिन्न वक्ताओं ने कहा कि दिवंगत अधिकारी ने सेवा के दौरान अपने देश की पूरी निष्ठा से सेवा की और वे हमेशा सभी के दिलों में जीवित रहेंगे.
नरवाल की बहन सृष्टि ने रक्तदान शिविर में भाग लेने वाले लोगों के प्रति आभार व्यक्त किया. सृष्टि ने कहा, ‘मैं उन सभी लोगों का शुक्रिया अदा करना चाहती हूं जो दूर-दूर से यहां रक्तदान करने आए हैं. हमें भी संदेश मिल रहे हैं. लोगों ने (रक्तदान शिविर में) उत्साहपूर्वक भाग लिया है. सरकार ने भी बहुत कुछ किया है.’
ज्ञात हो कि पहलगाम आतंकी हमले के बाद देश के विभिन्न हिस्सों में मुसलमानों और कश्मीरियों के खिलाफ कई घृणा अपराध की घटनाएं सामने आई हैं.
कुछ जगहों पर कश्मीरी छात्रों पर हमले किए और उनके मकान मालिकों द्वारा आवास खाली करने के लिए भी कहा गया. पंजाब में कई कश्मीरी छात्रों को पढ़ाई बीच में छोड़कर अपने राज्य लौटने के लिए मजबूर होना पड़ा.